दूरदर्शन और वो सुनहरे दिन
नोटः मैने इस साईट पर से पॉड्प्रेस डीलीट कर दिया है और ये सारे विडीओ आजकल ऑनलाईन है इसलिए उन्हे दुबारा ऍड करना जरुरी नहि था|
कुछ दिन पहले एक फॉरवर्ड आ गया, उसमे था दूरदर्शन का वो पुराना वीडीओ “एक अनेक और एकता” और उसे देखने के बाद पुरानी यादे ताज़ा हो गई। फिर हमें सनक लग गई पुराने वीडीओ और गाने इकट्ठे करने की। पिछ्ले दस दिन मे जो भी इंटरनेट से बटोरा है वह यहाँ पेश कर रह हु और उम्मीद है कि आप लोगों को पसंद आयेगा।
वैसे तो मिले सुर मेरा तुम्हारा का MIT वीडीओ भी था पर वो काफी बड़ा है और काफी जगह उपलब्ध है इसलिये इस सुची मे शामिल नहीं किया।
‘एक, अनेक और एकता’ देख कर बहुत अच्छा लगा। बचपन की यादें ताज़ा हो गईं। इसके लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद। लेकिन ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ की कड़ी काम नहीं कर रही है।
अच्छी बात है, वो हम कर देन्गे।
जी वो ram फाईल थी इसलिये मुश्किल आ रही थी। अब वो गलती सुधार दी है
“मिले सुर मेरा तुम्हारा” का original विडियो (MIT वाला नहीं) कई लोग खोज रहे हैं। वह उपलब्ध हो जाए तो क्या कहने! क्या कोई उसे दूरदर्शन से रिकॉर्ड कर सकते हैं?
बचपन में मैं दूरदर्शन के पट खुलने से शास्त्रीय संगीत के कार्यक्रम तक बुद्धू बक्से के सामने टिका रहने वाला जीव था. आपके इस उपहार ने तो उन दिनों की याद ताज़ा करा दी. विनोदजी, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!
तब मै बहुत छोटा था बहुत टी0 वी0 नही हुआ करता था सौ घरो मे 4-5 ही हुआ करते थे। रामायण के बारे मे लोग सारे काम धाम छोड कर सभी टेलीविजन से चिपक जाते थे और महाभारत के बारे मे धारण थी कि इसे न देखो घर मे कलह होगी। यह सब कार्यक्रम पुरानी यादे ताजा कर दी है।
Thanx Vinod,
For sharing such a wonderful old remembrance,
This are not only advertisements, they are the songs of Integrity, Diversity of India.
Like our Anthem, they are couples with our souls.
I liked your website and postings.
विनोद जी, आपकी थीम में दोनों तरफ बहुत स्पेस व्यर्थ जा रहा है तथा लेख वाला हिस्सा काफी छोटा होने से पढ़ने में दिक्कत आती है, साथ ही फॉण्ट साइज भी थोड़ा छोटा है।